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9. नर हो, न निराश करो मन को

9. नर हो, न निराश करो मन को

नर हो, न निराश करो मन को इस बात का पूरा ध्यान रखो।
आए जो कभी उसी क्षण में भेद, यूं अपने निशाना को तान रखो।
 
कुछ तो मतलब समझो इसका, ये जीवन व्यर्थ न जाने दो,
ये जीवन यूंही मिला नही, इस बात का पूरा ज्ञान रखो।

हिम्मत का संग छोड़ना नही, तेरी उम्र अगर जो बढ़ जाए,
क्या हुआ जो अब वो बल नहीं, पर दिल में पूरी जान रखो।

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_९८०७

# आधे अधूरे मिसरे / प्रसिद्ध पंक्तियां 

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1 Comments

बेहतरीन

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